This poem-cum-song is a creation of Dr. Kumar Vishwas....
कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है !
मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !!
मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है !
ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !!
मोहब्बत एक एहसासों की पावन सी कहानी है !
कभी कबीरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !!
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं !
जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !!
समंदर पीर का है अन्दर, लेकिन रो नही सकता !
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !!
मेरी चाहत को दुल्हन बना लेना, मगर सुन ले !
जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !!
बहुत बिखरा, बहुत टूटा, थापेदे सह नही पाया !
हवाओं के इश्सरों पे मगर मैं बह नही पाया !!
अधूरा अनसुना ही रह गया यूं प्यार का किस्सा !
कभी तुम सुन नही पाए कभी मैं सुन नही पाया !!
भ्रमर कोई कुमुद्नी पे मचल बैठा तो हंगामा !
हमारे दिल में कोई ख़्वाब पल बैठा तो हंगामा !!
अभी तक डूब के सुनते थे सब किस्सा मोहबत का !
मैं किस्से को हक़ीकत में बदल बैठा तो हंगामा !!
2 comments:
hi nikhil.. well this poem is just great ... i just loved it .. the lyrics are awesome..
Hey Nikhil, dis poem cum song is toooo gud!!!
Really a touching one!!!
Post a Comment